गज़ल होती है: हरेश्वर राय

उनकी सौगात गज़ल होती है
उनकी खैरात गज़ल होती है।

उनका हर दिन ख्याल होता है
उनकी हर रात गज़ल होती है।

उनका जाड़ा भी बसंत होता है
उनकी बरसात गज़ल होती है।

उनका तो मौन भी मुखर होता
उनकी हर बात गज़ल होती है।

उनका हर शह बहुत मज़ा देता
उनकी हर मात गज़ल होती है।

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

मुखिया जी: उमेश कुमार राय

मोरी मईया जी

डॉ रंजन विकास के फेर ना भेंटाई ऊ पचरुखिया - विष्णुदेव तिवारी

डॉ. बलभद्र: साहित्य के प्रवीन अध्येता - विष्णुदेव तिवारी

जा ए भकचोन्हर: डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'