भजु रे मन भलुनी भवानी: हरेश्वर राय
नीयराइल बा फेर से चुनाव भजु रे मन भलुनी भवानी। कउअन के होई कांव कांव।।भजु...।। पांच बरीस प साजन अइहें संगे संगे गोधन के ले अइहें गांवें- गांवें होई मन- मोटांव।।भजु...।। गर में गेना के माल पहीरले धोतीखूंटा के जेबी में डरले फेंकरत फिरीहें गांवें- गांव।।भजु...।। कबो धुआं जस मुंह बनइहें आपन जूत्ता अपनहीं खइहें चलत रहीहें नया नया दांव।।भजु...।। जीतीहें जइहें फेरू ना अइहें लूटीहें कूटीहें आ पीहें खइहें पूछीहें कब्बो ना नांव- गांव।।भजु...।। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.