सुन्दर भोर: हरेश्वर राय
अम्बर के कोरा कागज़ प
ललका रंग छिंटाइल बा,
सोना रंग सियाही से
सुन्दर भोर लिखाइल बा।
नीड़ बसेरन के कलरव के
सगरो तान छेड़ाइल बा,
अन्धकार के कबर के ऊपर
आस उजास रेंड़ाइल बा।
मंद पवन मकरंद बनल बा
नीलकमल मुसुकाइल बा,
मोती रूप ओस धइले बा
गुलमोहर सरमाइल बा।
भानु बाल पतंग बनल बा
तितली दल इतराइल बा,
कोयल, संत, सरोज, बटोही
सबके मन अगराइल बा।
ललका रंग छिंटाइल बा,
सोना रंग सियाही से
सुन्दर भोर लिखाइल बा।
नीड़ बसेरन के कलरव के
सगरो तान छेड़ाइल बा,
अन्धकार के कबर के ऊपर
आस उजास रेंड़ाइल बा।
मंद पवन मकरंद बनल बा
नीलकमल मुसुकाइल बा,
मोती रूप ओस धइले बा
गुलमोहर सरमाइल बा।
भानु बाल पतंग बनल बा
तितली दल इतराइल बा,
कोयल, संत, सरोज, बटोही
सबके मन अगराइल बा।
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