गुमसुम गाँव उदास: हरेश्वर राय
अहरी के कगरी बइठल बा
गुमसुम गाँव उदास।
सूखल नदिया नरवा सूखल
बाहा पइन के धरवा सूखल
लमहर भइल पियास।
जामुन सूखली सूखले गुलर
चढ़ल करइली नीमी ऊपर
सोपह भइल मिठास।
धुआँ पी के खाँस रहल बा
साँचल बाँचल नास रहल बा
मरूआ गइल पलास।
दुअरा दुअरा भइल सियासी
देवचउरा ले रहल उबासी
सगरो घुलल खॅटास।
तीसीआ में ना बाँचल तेल
साफे खतम दिया के खेल
अब का होई उजास।
गुमसुम गाँव उदास।
सूखल नदिया नरवा सूखल
बाहा पइन के धरवा सूखल
लमहर भइल पियास।
जामुन सूखली सूखले गुलर
चढ़ल करइली नीमी ऊपर
सोपह भइल मिठास।
धुआँ पी के खाँस रहल बा
साँचल बाँचल नास रहल बा
मरूआ गइल पलास।
दुअरा दुअरा भइल सियासी
देवचउरा ले रहल उबासी
सगरो घुलल खॅटास।
तीसीआ में ना बाँचल तेल
साफे खतम दिया के खेल
अब का होई उजास।
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