पढ़ लिखके का कइलs: हरेश्वर राय

पढ़ लिखके का कइलs
भइया पढ़वइया
कमाइ दिहलस पपुआ
खांचा भर रुपइया।

मंतरी बिधायकsजी के
खास भइल बड़ुए
गउआं के लफुअन के
बौस भइल बड़ुए
मुखियाजी के कांखि के
भइल बा अंठइया।। कमाइ......।

मुंसी पटवारी जी के
करेला दलाली
मुंहवां में पान लेके
करेला जुगाली
भोरहीं से लाग जाला
फांसे में चिरइयां।। कमाइ......।

हिन्दीओ बोलि लेला
भोजपुरी बोलि लेला
रोजे रोज मुड़ेला ई
नाया नाया चेला
अगिया लगवले बाटे
गंइयां में मुदइया।। कमाई......।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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