गाँव में: हरेश्वर राय
पिरितिया के छौंड़ी पढ़ावले जोगा
सिरतिया के छौंड़ा बनल ह दरोगा
गड़ही में कवनो के गिरल बा पेट
बढ़ि गइल मुरुगा आ दारु के रेट
हर जगहा एकरे चरचा बा गांव में।
आईल गइल बाs नेवता हंकार बा
बेटी बहुरियन के सवख सिंगार बा
गैस बा गाड़ी बा दूध के उठौना बा
बाबू के फीस बा बुची के गौना बा
बबुआ रे! बड़ी खरचा बा गांव में।
चोरी चकारी बा केस फौजदारी बा
काली मंदीरवा प चोरवा पुजारी बा
कतो बा भुईंहारी कतो बा राजपूती
हरलका मुखिअवा लगावताs लूती
सुगना रे! मरीचे मरीचा बा गांव में।
सिरतिया के छौंड़ा बनल ह दरोगा
गड़ही में कवनो के गिरल बा पेट
बढ़ि गइल मुरुगा आ दारु के रेट
हर जगहा एकरे चरचा बा गांव में।
आईल गइल बाs नेवता हंकार बा
बेटी बहुरियन के सवख सिंगार बा
गैस बा गाड़ी बा दूध के उठौना बा
बाबू के फीस बा बुची के गौना बा
बबुआ रे! बड़ी खरचा बा गांव में।
चोरी चकारी बा केस फौजदारी बा
काली मंदीरवा प चोरवा पुजारी बा
कतो बा भुईंहारी कतो बा राजपूती
हरलका मुखिअवा लगावताs लूती
सुगना रे! मरीचे मरीचा बा गांव में।
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