बिधाएक हो गइल: हरेश्वर राय

बिधाएक हो गइल जी, बिधाएक हो गइल
रहे नकटा नालायक जी बिधाएक हो गइल।

एमेबीएफ कइके नकटा घोंके लागल पउवा
खाए लागल मुरगा मुरगी खंसी पाठी कौआ
टोल मुहल्ला खातिर उ दुखदाएक हो गइल।

चेला चटिया बनले ओकर चोर उचक्का ढेरो
गैंड़ा के कुछ खेत हटाके लेलस कीन बलेरो
उ बीर बहादुर एम पी के सहाएक हो गइल।

मोहे लेचल पटिआ के त मिलल ओके टिकट
पोलिंग दिने हरेक बूथ प भइल लड़ाई बिकट
भारी मत से जीत के नक्कट नाएक हो गइल।

गाड़ी साड़ी कुल्हि मिलल मिलले ढेरो संतरी
लाद के सोना घूमे लागल अपना गतरी गतरी
अब एक नमर के नकटा खलनायक हो गइल।

नोट: १.एमएबीएफ= मैट्रिक अपीयर्ड बट फेल्ड।
२. मोहे लेचल= पाटी के नांव ह।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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