हिपिप हुर्रे हुर्रे: हरेश्वर राय
गउआं सहरियो से आले हिपिप हुर्रे हुर्रे
गारी भरल बा गालेगाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
सतुआ घुध्धुनिआ के मोलवा खतम बा
चलsतरुए ढोसा मसाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
माई बाबू अपना बुढ़उती के लठिआ से
भोरे भोर रोजहीं कुटाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
रिस्ता ना बांचल बा तलवा तलइयन से
पाइप से भुअरी धोआले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
ढेरी के ऊपरा बढांव बब्बवा बइठल बा
नीचवा से रोज मूस चाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
गारी भरल बा गालेगाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
सतुआ घुध्धुनिआ के मोलवा खतम बा
चलsतरुए ढोसा मसाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
माई बाबू अपना बुढ़उती के लठिआ से
भोरे भोर रोजहीं कुटाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
रिस्ता ना बांचल बा तलवा तलइयन से
पाइप से भुअरी धोआले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
ढेरी के ऊपरा बढांव बब्बवा बइठल बा
नीचवा से रोज मूस चाले हिपिप हुर्रे हुर्रे।
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