मनवा फागुन महीना हमार भइल बा: हरेश्वर राय
मोर जहिए से नैन दू से चार भइल बा
हई हियरा हमार हरसिंगार भइल बा।
पहs फाटल अंजोरे- अंजोर हो गइल
पांख में जोस के त भरमार भइल बा।
जाल बंधन के तहस- नहस हो गइल
कुल्हिए अंबर समुंदर हमार भइल बा।
त पूस के दिन बीतल बसंत आ गइल
मनवा फागुन महीना हमार भइल बा।
प्यार के ए नसा में अस बुझाता इयार
संउसे जगवा अकेले हमार भइल बा।
हई हियरा हमार हरसिंगार भइल बा।
पहs फाटल अंजोरे- अंजोर हो गइल
पांख में जोस के त भरमार भइल बा।
जाल बंधन के तहस- नहस हो गइल
कुल्हिए अंबर समुंदर हमार भइल बा।
त पूस के दिन बीतल बसंत आ गइल
मनवा फागुन महीना हमार भइल बा।
प्यार के ए नसा में अस बुझाता इयार
संउसे जगवा अकेले हमार भइल बा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें