इयार कहेली: हरेश्वर राय
प्यार से हमके धनियां इयार कहेली
आ चोन्हाली त बुढ़उ हमार कहेली।
कबो कबो जब उ खिसिया जाली त
त उ हमके मीआदी बोखार कहेली।
जेब में जब रुपुलिया ना एकहू मिले
मुंह चुनिया के रानी भिखार कहेली।
चीर के दिल देखवनी कइक बेर हम
एक नमरिया उ तबहूं लबार कहेली।
जब कबो काल हम रिसिया जाइला
पुच्चुकारेली गोरेया डीहवार कहेली।
आ चोन्हाली त बुढ़उ हमार कहेली।
कबो कबो जब उ खिसिया जाली त
त उ हमके मीआदी बोखार कहेली।
जेब में जब रुपुलिया ना एकहू मिले
मुंह चुनिया के रानी भिखार कहेली।
चीर के दिल देखवनी कइक बेर हम
एक नमरिया उ तबहूं लबार कहेली।
जब कबो काल हम रिसिया जाइला
पुच्चुकारेली गोरेया डीहवार कहेली।
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