लहरिया लागे ए राम: हरेश्वर राय
जेठ के महीनवा के मध दुपहरिया, लहरिया लागे ए राम
सनकल बा पछेया बेयरिया, लहरिया लागे ए राम।
सून बंसवरिया आ सून फुलवरिया, लहरिया लागे ए राम
सूनी रे डगरिया बधरिया, लहरिया लागे ए राम।
सूखली तलइया आ मुअली मछरिया, लहरिया लागे ए राम
आहर पोखर में पपरिया, लहरिया लागे ए राम।
फेंड़वा ना रुखवा ना कतहीं छहंरिया, लहरिया लागे ए राम
घरवा बा बेगर केवरिया, लहरिया लागे ए राम।
सावन के असवा प गिरल बजरिया, लहरिया लागे ए राम
पिया जाके फंसले सहरिया, लहरिया लागे ए राम।
सनकल बा पछेया बेयरिया, लहरिया लागे ए राम।
सून बंसवरिया आ सून फुलवरिया, लहरिया लागे ए राम
सूनी रे डगरिया बधरिया, लहरिया लागे ए राम।
सूखली तलइया आ मुअली मछरिया, लहरिया लागे ए राम
आहर पोखर में पपरिया, लहरिया लागे ए राम।
फेंड़वा ना रुखवा ना कतहीं छहंरिया, लहरिया लागे ए राम
घरवा बा बेगर केवरिया, लहरिया लागे ए राम।
सावन के असवा प गिरल बजरिया, लहरिया लागे ए राम
पिया जाके फंसले सहरिया, लहरिया लागे ए राम।
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