राजाजी: हरेश्वर राय
राजाजी पोसले बानी चार गो कहांर
पंडित आ ठाकुर आ अहीर चमार।
के चांपी कम माल के चांपी जादा
जूझता लोग एहीके लेके चारु यार।
सभे के आपन-आपन बाड़े भगवान
आपन आपन तीज आपन त्योहार।
हर जगे कोटवा के बढ़ला चलन से
बढ़ल जाता गते-गते दिल के दरार।
बानरा बनाके नचावत बा मदरिया
उहे हिगरावत बड़ुए पोखरा इनार।
पंडित आ ठाकुर आ अहीर चमार।
के चांपी कम माल के चांपी जादा
जूझता लोग एहीके लेके चारु यार।
सभे के आपन-आपन बाड़े भगवान
आपन आपन तीज आपन त्योहार।
हर जगे कोटवा के बढ़ला चलन से
बढ़ल जाता गते-गते दिल के दरार।
बानरा बनाके नचावत बा मदरिया
उहे हिगरावत बड़ुए पोखरा इनार।
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