जरे दिल अरमान।
जरत खेत, खरिहान जरे, जरे दिल अरमान।
जोर लगा के बोलीं रउरा, भारत देस महान।।
जोर लगा के बोलीं रउरा, भारत देस महान।।
हम बबुनी के कब कहीं, दूधे नहा पूते फलs।
नाहिं चयन बा सांझि के, नाहिं चयन बिहान।।
पेट चलावे खातिर बुचना, रहत बड़ुए दिल्ली।
गरहन से रोजे जूझेला, ओकरा पूनम के चान।।
मुआ करोनवा काल में, का करीं का ना करीं।
नाहिं खुलल इस्कूल बा, नाहिं खुलल दोकान।।
जरत हिताई, जरत मिताई, जरे प्रेम परिहास।
हमनी मूरखन प कृपा करीं, सुनीं दया निधान।।
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