सुत रे ससुर कपूत।

बहरा में चल रहल बा गोली, सुत रे ससुर कपूत।
घुड़मुड़िया के मोटरी बन जो , परले  परले मूत।।

धूर उड़ा के धइले बाड़े नेता संग चमच कलछुल।
बाकी हम भूलाइल नइखीं एहनी सब के करतूत।।

केहुओ जाता चांद के ऊपर केहुओ मंगल ऊपर।
अबहूं बबुआ राम  भरोसे बांटत फिरस  भभूत।।

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