मोर दिलवा बसेला दिलजानी में: हरेश्वर राय
मोर दिलवा बसेला दिलजानी में। बनिके कोइलिया कबो गीत गावस बनिके हरिनिया ऊ उधम मचावस बनिके पुरवा घुसेली पलानी में। फूलवा के रुप धइ कबो इतराली सरग के चानवा कबहूं बन जाली कबो बहेली नदिया के पानी में। फागुन में आवेली बनिके बहरवा कलीन के बांटेली रंग चटखरवा कबो मुसुकी मारेली गुरुबानी में। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.