ओठे पंखुरी साटि गईल: हरेश्वर राय

कि अब बदरी
फाटि गईल।

अइले दुअरा
बलम बसंत
पसरल आसा
खुसी अनंत

पीयर चुंदरी
बांटि गईल।

झमक झमक
आइल पुरवाई
अंकवारी ले
आखर ढाई

ओठे पंखुरी
साटि गईल।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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