फागुन चढ़ल बाटे बुढ़वा के कपार प
फागुन चढ़ल बाटे बुढ़वा के कपार प
टूटत बा अंचार प ना।
टूटत बा अंचार प ना।
गांजा मले चिलम बोझे सफिया फेर पेन्हावेला
दम लगाके गूलराम के बमबम बम बमकावेला
फेरु जाके भोंके ऊखवा में सियार प
टूटत बा अंचार प ना।
फगुआ चैता घोर घार के जोर जोर चिचियाला
हनुहारो आ रामा कहिके जगे जगे ढिमिलाला
कबहूं गावे लागे गोरिया के सिंगार प
टूटत बा अंचार प ना।
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