गजब हाल बा: हरेश्वर राय



रसगुल्ला खइला जमाना हो गइल
महंगा साबूदाना मखाना हो गइल।

मेहरारु के माथे एगो लइको भइल
त ऊहो ससुरा ऐंचा ताना हो गइल।

पियक्कड़ी के सवख अतना बा कि
दवा के दोकान मयखाना हो गइल।

अगहन तक बबवा माला फेरत रहे
फागुन से बबवा मौलाना हो गइल।

बिकास त देस में अतना भइल कि
घरे घरे एकsगो पयखाना हो गइल।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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