फाटत फट्फट् मोर कापार बा ना: हरेश्वर राय
बुढ़वा जबसे भइल रिटायर
दिनभ करत रहत बा फाएर
भइल घरवा में रहलका दुसबार बा
फाटत फट्फट् मोर कापार बा ना।
फेंटा बान्हत बा जोरदार
सोंटा राखत बा बरियार
भोरे चार बजे से करत कुंकुहार बा
फाटत फट्फट् मोर कापार बा ना।
दिनभ फच्चर फच्चर थूके
रहि रहि कुत्ता नियर भूंके
बुढ़वा अपना आदत से लाचार बा
फाटत फट्फट् मोर कापार बा ना।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें