भोजपुरिया माटी: उमेश कुमार राय
भूमण्डल यश गावे पताखा उड़ल आकाश,
ओह भोजपुरियन के पावन देखी माटी।
मां भारती शान से ईठलइली जेकरा पर,
उपजल उ फूल जेकर सुगंध देखी खाटी।
पहिलका इन्कलाबी भारती के फाड़ा में,
जेकर अमर गाथा बनल स्वाभिमानी।
अमर कुर्बानी जेकर अमीट पहचान में,
जे रहल वीर कुंवर सिंह अमर बलिदानी।
स्वतंत्रता के अविराम अलख जगा के,
भारती के बेटन के देलन अमर कहानी।
अंग्रेजन के खदेड़े के जुनून पैदा कर के,
गढ़ देलन स्वतंत्रता के जोशीली कहानी।
ईमानदारी, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा के मूर्ति,
प्रतिभा जेकर सदा रहल परम अनुगामिनी।
डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद भइलन प्रथम राष्ट्रपति,
जना भोजपुरिया माटी में बांका अभिमानी।
भोजपुरी भाषा के ध्वज जे फहरवलस,
सरस्वती जेकर जिह्वा प सदा निवासिनी।
भिखारी ठाकुर जेकर नाम अमर भईल,
ऊ भोजपुरिया के माटी के सच्चा ग्यानी।
सुरसंगम की सप्तधारा अंगुलियो में समाई,
श्वांसो में मधुर संगीत धारा के प्रवाह बहल।
विशमिल्ला सहनाई वादक विश्व विख्यात,
उ भोजपुरिया माटी के रतन अनमोल रहल।
विलक्षण प्रतिभा-बुद्धि के मालिक रहे,
गणित की अबुझ पहेलियां सुलझावे वाला।
बशिष्ठ नारायण विश्वविख्यात गणितग्य,
भोजपुरिया माटी के सम्मान बढ़ावे वाला।
ओह भोजपुरियन के पावन देखी माटी।
मां भारती शान से ईठलइली जेकरा पर,
उपजल उ फूल जेकर सुगंध देखी खाटी।
पहिलका इन्कलाबी भारती के फाड़ा में,
जेकर अमर गाथा बनल स्वाभिमानी।
अमर कुर्बानी जेकर अमीट पहचान में,
जे रहल वीर कुंवर सिंह अमर बलिदानी।
स्वतंत्रता के अविराम अलख जगा के,
भारती के बेटन के देलन अमर कहानी।
अंग्रेजन के खदेड़े के जुनून पैदा कर के,
गढ़ देलन स्वतंत्रता के जोशीली कहानी।
ईमानदारी, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा के मूर्ति,
प्रतिभा जेकर सदा रहल परम अनुगामिनी।
डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद भइलन प्रथम राष्ट्रपति,
जना भोजपुरिया माटी में बांका अभिमानी।
भोजपुरी भाषा के ध्वज जे फहरवलस,
सरस्वती जेकर जिह्वा प सदा निवासिनी।
भिखारी ठाकुर जेकर नाम अमर भईल,
ऊ भोजपुरिया के माटी के सच्चा ग्यानी।
सुरसंगम की सप्तधारा अंगुलियो में समाई,
श्वांसो में मधुर संगीत धारा के प्रवाह बहल।
विशमिल्ला सहनाई वादक विश्व विख्यात,
उ भोजपुरिया माटी के रतन अनमोल रहल।
विलक्षण प्रतिभा-बुद्धि के मालिक रहे,
गणित की अबुझ पहेलियां सुलझावे वाला।
बशिष्ठ नारायण विश्वविख्यात गणितग्य,
भोजपुरिया माटी के सम्मान बढ़ावे वाला।
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