फगुआ: उमेश कुमार राय
भरs फागुनs ए भईया हमार हो।
देद भऊजी के हमनी के उधार हो।।
लालs पिअरs गुलालs हरियर लगाईब,
आहे! मजाक करबs जा बरियार हो।
देद भऊजी के हमनी के उधार हो।।
आसs पड़ोसs के भईया सब मिलब,
आहे! रंगवा में देबs जा चभोर हो।
देद भऊजी के हमनी के उधार हो।।
चुनरs रंगs बिरंगs सब होई जईहे,
आहे! होईहे फरेबवा सब अनेर हो।
देद भऊजी के हमनी के उधार हो।।
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