भोजपुरी: प्रतिभासाली, मेहनती आ ईमानदार लोगन के भासा - संदल एस अंशु
संबिधान के आठवीं अनुसूची में सामिल करे खातिर बहुत लम्बा समय से माँग उठ रहल बा आ संघर्स चल रहल बा। एह जायज माँग के पूरा करे खातिर अबहीं तक त कवनो प्रभावी कदम नाहियें उठावल गइल बा। ई बड़ी दुःख के बात बा। चुनाव के समय में सभ पाटी के लोग असवासन देवेला कि सत्ता में अइला के बाद एह दिसा में काम कइल जाई बाकिर बाद में होला कुछुओ ना।
बिदवान लोगन के अनुसार भोजपुरी एगो आर्य भासा ह। मुख्य रूप से ई पच्छिमी बिहार आ पुरुबी उत्तर परदेश में बोले जायेवाली भासा ह।बाकिर एकर प्रसार अदभुत बा। ई सौंसे दुनिया में बोले जाए लागल बिया। अब ई अंतर्राष्ट्रीय भासा बन गइल बिया। फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, गुयाना, टोबैगो, त्रिनिदाद आदि कई गो देसन में ई एकर प्रसार देखल जा सकेला।
हमरा ई कहे में कवनों गुरेज नइखे कि भोजपुरी बोलेवाला लोग काफी प्रतिभासाली, मेहनती आ ईमानदार होखेला। ऊ लोग अपना एही गुणन के बल प कतहूँ धाक जमा लेवेला। अपना एही गुणन के कारन भोजपुरी भासी लोग के बिस्तार दुनिया के लगभग सभ भाग में हो गइल बा आ दिनेदिन ई बिस्तार अउरी तेजी पकड़ रहल बा। एह भासा के बोलेवाला लोगन के ई खासियत ह कि ऊ लोग जहाँ भी जाला त अपना बोली के साथे साथे आपन पूरा संस्कृति भी लेलहीं चलेला।
जब हम भोजपुरी बोले वाला लोगन के संख्या जाने खातीर इन्टरनेट प खोज करे शुरू कइनी त बड़ी मेहनत के बाद भी कवनो विस्वास करे जोग डाटा ना खोज पवनी। भोजपुरी बोले वाला लोगन के संख्या कतना बा? एह प्रस्न के स्पस्ट उत्तर देल अत्यंत कठिन बा। इन्टरनेट प भोजपुरी बोले वाला लोगन के संख्या 5 करोड़ से लेके 25 करोड़ तक बतावल गइल बा। मतलब सही संख्या के कवनों अतापता नइखे। जब तक कवनों खास मेकनिज्म के परयोग कके संख्या ना ज्ञात कइल जाई, तबतक निश्चित संख्या बतावल कठिन बा। फिर भी अतना त कहले जा सकेला कि संबिधान के आठवीं अनुसूची में सामिल करे खातिर संख्या कम ना पड़ी।
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