सुधा बाछी बनिके मितवा लुगा बहुत चबवले बानी



लइके से मइया दइया के पानी बहुत पिअवले बानी
जबसे होस सम्हरले बानी कइगो नाव डूबवले बानी।

भीतरा से सयतान हईं हम ऊपरा से बम बम भोला
सुधा बाछी बनिके मितवा लुगा बहुत चबवले बानी।

मानुस के खून मुंहे लागल हम भेंड़िया के नसल हईं
अपना देहिंया के ऊपर मनई के खाल मढ़वले बानी।

रोहू फरहा अउर बरारी कहंवा बांचि के जइहन सन
सिधरी भी एकोना बंचिहें ऐसन जाल बनवले बानी।

जाति- पांति पाटी- पउवा के सुरुए से सवखिन हईं
जबहीं मौका मिलल बा नीके से आग लगवले बानी।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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