फाटत मोर कापार बा ना



फाटत मोर कापार बा ना
☺☺☺☺☺☺☺
बुढ़वा जबसे भइल रिटायर
दिनभ करत रहत बा फाएर
भइल घरवा में रहल दुसबार बा
फाटत मोर कापार बा ना।

फेंटवा बान्हत बा जोरदार
सोंटवा राखत बा बरियार
रोजे भोरहीं से करत कुंकुहार बा
फाटत मोर कापार बा ना।

मुअना दिनभ खईनी फाँके
मुअना हेइजा होइजा माके
पेटवा मुअनु के भइल भनसार बा
फाटत मोर कापार बा ना।

दिनभ फच्चर फच्चर थूके
रहि रहि कुत्ता नियर भूंके
खूसट अपना रहन से लाचार बा
फाटत मोर कापार बा ना।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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